| शब्द का अर्थ | 
					
				| अच्छिन					 : | अव्य० [सं० अस्मिन्वने श्रणे) १ शीघ्रता पूर्वक। २. अभी। उदाहरण—दरस हेत तिय लिखति पीय सियरावहु अच्छिन-सेनापति। | 
			
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				| अच्छिन्न					 : | वि० [सं० न० त०] १. जो छिन्न (काटा, तोड़ा, फोड़ा) न गया हो। २. जिसे विभक्त न किया गया हो। ३. जिसके टुकड़े न किये जा सकते हो। अवियोज्य। (इनसेप, रेबल) ४. जो किसी एक ठीक या निश्चित क्रम से चलें। ५. अटूट। | 
			
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				| अच्छिन्न-पत्र					 : | पुं० [सं० न० ब०] १. वह वृक्ष जिसकी पत्तियाँ किसी ऋतु में झड़ती न हों। सदा बहार पेड़। २. ऐसे पक्षी जिनके पर कटे न हों या काटे न गये हों। | 
			
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				| अच्छिन्नपर्ण					 : | पुं०=अच्छिन्न-पत्र। | 
			
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