| शब्द का अर्थ | 
					
				| अनुवास					 : | पुं० [सं० अनु√वास् (सुगंधित करना)+घञ्] १. सुगंधित करना। (विशेषतः वस्त्र)। २. [अनु√वस् (निवास)+घञ्] निकट, समीप या साथ रहना। ३. किसी तरल औषधि (भेषज अथवा शक्तिवर्धक) को पिचकारी द्वारा गुदा-मार्ग से शरीर के अन्दर पहुँचाना। (एनिमा) | 
			
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				| अनुवासन					 : | पुं० [सं० अनु√वास्+ल्युट्-अन] अनुवास करने की क्रिया या भाव। | 
			
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				| अनुवासन-वस्ति					 : | स्त्री० [ष० त०] १. प्राचीन भारत में, शरीर के अन्दर औषध पहुँचाने की पिचकारी। २. पदार्थों को सुगंधित करने के लिए बना हुआ यंत्र। | 
			
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				| अनुवासित					 : | भू० कृ० [सं० अनु√वास्+णिनि] १. जिसका अनुवासन हुआ हो। २. सुगंधित किया हुआ। | 
			
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				| अनुवासी (सिन्)					 : | वि० [सं० अनु√वास्+णिनि] १. अनुवास करनेवाला। २. सुगंधित करनेवाला। ३. [अनु√वस्+णिनि] पास या पड़ोस में रहनेवाला। | 
			
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