शब्द का अर्थ
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अरघ :
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पुं० -अर्घ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरघट्ट :
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पुं० [सं० अर√घट्ट (चलना)+अच्] १. रहट। २. कूँआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरघा :
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पुं० [सं० अर्घ] १. एक प्रसिद्ध लंबोत्तर पात्र जिसमें जल रखकर अर्घ दिया जाता है। २. उक्त पात्र के आकार की वह रचना जिसमें शिवलिंग स्थापित किया जाता है। जलधरी। ३. उक्त आकार की वह नाली जिसमें से होकर कुएँ की जगत का पानी नीचे गिरता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |