शब्द का अर्थ
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					आढ़त					 :
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					स्त्री० [सं० अट्ट, प्रा० आड़हति, पा० आड़हइ, पं० बँ० मरा० आड़त, तेल० अड़िति] १. व्यवसाय की वह प्रथा जिसमें व्यवसायी दूसरे का माल अपने यहाँ थोक ब्रिकी के लिए रखता और उनकी ब्रिकी होने पर कुछ नियत धन अपने लिए लेता है। २. वह धन जो उक्त व्यवसाय में व्यवसायी को पारिश्रमिक या लाभ के रूप में मिलता है। ३. वह स्थान जहाँ बैठकर कोई व्यक्ति उक्त प्रकार का व्यवसाय करता है। ४. किसी कुटनी का वह स्थान जहाँ दुश्चरित्रा स्त्रियाँ चोरी से पहुँचकर धन के लोभ से व्यभिचार कराती हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					आढ़तदार					 :
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					पुं० [हिं० आढ़त+फा० दार(प्रत्यय)]-आढ़तिया।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					आढ़तिया					 :
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					पुं० [हिं० आढ़त+इया (प्रत्यय)] वह जो आढ़त का काम करता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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