शब्द का अर्थ
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					आतंक					 :
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					पुं० [सं० आ√तङ (अस्वस्थ होना)+घञ्] [भू० कृ० आतंकित] १. पीड़ा, रोग आदि शारीरिक कष्ट। २. बेचैनी। विकलता। ३. भारी अत्याचार संकट के समय उसके भय से उत्पन्न वह विकलतापूर्ण मानसिक स्थिति जिसमें कुछ सोचने-समझने या करने-धरने में प्रायः असमर्थ हो जाता है। (टेरर) ४. किसी का प्रभाव प्रभुत्व शक्तिमत्ता आदि देखने पर उसके फलस्वरूप उत्पन्न होनेवाली विकलतापूर्ण मानसिक स्थिति। ५. किसी बात या वस्तु का वह विकट प्रभाव जो भयभीत करके प्रायः रोग या मानसिक विकार उत्पन्न कर देता है। (फोबिया) जैसे—जलांतक। क्रि० प्र०-जमना। छाना।				 | 
			
			
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					आतंक-युद्ध					 :
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					पुं० [तृ० त०] पारस्परिक वैमनस्य या शत्रुता के फलस्वरूप उत्पन्न होनेवाली वह स्थिति जिसमें दोनों पक्ष बिना लड़े-भिड़े केवल एक-दूसरे के मन में भारी आतंक उत्पन्न करके उसे दबाने या हटाने का प्रयत्न करते हैं। (वार आँफ नर्व्ज)।				 | 
			
			
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					आतंकवाद					 :
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					पुं० [ष० त०] लोगों को डरा-धमकाकर अपना उद्देश्य सिद्ध करने का सिद्धांत। (टेररिज्म)				 | 
			
			
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					आतंकवादी (दिन्)					 :
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					वि० [सं० आतंक√वद् (बोलना)+णिनि] १. आतंकवाद से संबंध रखनेवाला। २. आतंकवाद का सिद्धांत मानने और उसके अनुसार काम करनेवाला। (टेररिस्ट)				 | 
			
			
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					आतंकित					 :
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					भू० कृ० [सं० आतंक+इतच्] जिसपर किसी प्रकार का आतंक छाया हो। आतंक से प्रभावित।				 | 
			
			
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