आसन/aasan

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आसन  : पुं० [सं०√आस्+ल्युट्-अन] १. बैठने की क्रिया या भाव। बैठक। २. बैटने का कोई विशिष्ट ढंग प्रकार या मुद्रा। क्रि०प्र०-मारना। लगाना। मुहावरा—आसन उखड़ना=(क) बैठने की निश्चित मुद्रा में हिलते-डोलने आदि के कारण बाधा होना। उठकर इधर-उधर या खड़ा होना। (ख) ऐसी स्थिति उत्पन्न होना कि रहने बैठने आदि के स्थान से हटकर कहीं और जाना पडे। आसन जमना=बैठने में स्थायित्व या स्थिरता आना। आसन डिगना या डोलना=(क) आसन उखाड़ना। (ख) किसी प्रकार के आकर्षण बाधा आदि के कारण चित्त या मना चंचल होना। ३. कपड़े कुश आदि का बना हुआ वह चौकोर टुकड़ा जिसपर लोग बैठते हैं। मुहावरा—(किसी को) आसन देना=सत्कारार्थ बैठने के लिए कोई चीज सामने रखना या बतलाना। ४. साधु-सन्यासियों आदि के बैठने और रहने का स्थान। ५. योग-साधन के लिए बैठने की कोई विशिष्ट मुद्रा या स्थिति। जैसे—पदमसन वीरासन आदि। मुहावरा—आसन लगाना=उक्त प्रकार की किसी विशिष्ट मुद्रा में स्थित होना। ६. काम-शास्त्र में, संभोग की कोई विशिष्ट मुद्रा या स्थिति। बंध। ७. हाथी का कंधा, जिसपर बैठकर उसे चलाते हैं। ८. प्राचीन राजनीति में, शत्रु के आक्रमण, दाँव-पेंच आदि के सामने अच्छी तरह जमे या ठहरे रहने का भाव या स्थिति। किसी प्रकार अपनी मर्यादा, स्थान आदि से विचलित न होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसना  : अ० [सं० अस्-होना] होना। पुं० [सं० आसन√आस्+ल्युट्] १. वृक्ष। २. जीव। वि० -आसन्न।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसनी  : स्त्री० [सं० आसन का हिं० अल्पा०] बैठने का छोटा आसन (कपड़े, कुश आदि का)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्न  : वि० [सं० आ√सद्+क्त] १. (मात्रा, समय, स्थान आदि के विचार से) किसी के पास या समीप आया या पहुँचा हुआ। निकटवर्ती। समीपस्थ। जैसे—आसन्न प्रसवा। आसन्न मृत्यु आदि। २. किसी के साथ सटा या लगा हुआ। संलग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्न-काल  : पुं० [ष० त०] मृत्यु का समय। मृत्युकाल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्न-कोण  : पुं० [कर्म० स०] ज्यामिति में, उन दोनों कोणों में से हर एक जो एक सीधी रेखा के ऊपर खड़ी दूसरी रेखा के दोनों ओर बनते हैं। (एडैजसेंट एंगिल)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्न-प्रसवा  : स्त्री० [ब० स०] वह जिसे शीघ्र ही प्रसव होने को हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्न-भूत  : पुं० [कर्म० स०] व्याकरण में भूत-काल का वह रूप जिससे सूचित होता है कि भूतिकालिक क्रिया या तो वर्तमान काल में पूरी हुई है (जैसे—मैं वहाँ हो आया हूँ) अथवा उसकी पूर्णता या स्थिति वर्तमान काल में भी व्याप्त है (जैसे—(क) तुलसी दास ने राम का ही गुण गाया है, (ख) वह अभी तक वहाँ खड़ा है या खड़ा हुआ है)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आसन्नता  : स्त्री० [सं० आसन्न+तल्-टाप्] आसन्न होने की अवस्था या भाव। निकटता। समीपता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ