| शब्द का अर्थ | 
					
				| उपन्यस्त					 : | भू० कृ० [सं० उप-नि√अस् (क्षेपण)+क्त] १. पास रखा या लाया हुआ। २. अमानत या धरोहर के रूप में किसी के पास रखा हुआ। ३. उल्लिखित या कथित। ४. उपन्यास के रूप में लाया या लिखा हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपन्यस्त					 : | भू० कृ० [सं० उप-नि√अस् (क्षेपण)+क्त] १. पास रखा या लाया हुआ। २. अमानत या धरोहर के रूप में किसी के पास रखा हुआ। ३. उल्लिखित या कथित। ४. उपन्यास के रूप में लाया या लिखा हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |