| शब्द का अर्थ | 
					
				| उपन्यास					 : | पुं० [सं० उप-नि√अस्+घञ्] १. वाक्य का उपक्रम। बंधान। २. अमानत। धरोहर। ३. प्रमाण। ४. वह बड़ी और लम्बी आख्यायिका जिसमें किसी व्यक्ति के काल्पनिक या वास्तविक जीवन-चरित्र का चित्र अंकित या उपस्थित किया जाता हैं। (नॉवेल)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपन्यास					 : | पुं० [सं० उप-नि√अस्+घञ्] १. वाक्य का उपक्रम। बंधान। २. अमानत। धरोहर। ३. प्रमाण। ४. वह बड़ी और लम्बी आख्यायिका जिसमें किसी व्यक्ति के काल्पनिक या वास्तविक जीवन-चरित्र का चित्र अंकित या उपस्थित किया जाता हैं। (नॉवेल)। | 
			
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				| उपन्यास-संधि					 : | स्त्री० [मध्य० स०] मंगलकारी उद्देश्यों की सिद्धि के लिए की जानेवाली संधि। (राजनीति) | 
			
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				| उपन्यास-संधि					 : | स्त्री० [मध्य० स०] मंगलकारी उद्देश्यों की सिद्धि के लिए की जानेवाली संधि। (राजनीति) | 
			
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				| उपन्यासकार					 : | पुं० [सं० उपन्यास√कृ (करना)+अण्] वह साहित्यकार जो उपन्यास लिखता हो। (नावेलिस्ट) | 
			
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