शब्द का अर्थ
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					ऋक्ष					 :
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					पुं० [सं०√ऋष् (गति)+स] १. भालू। रीछ। २. तारा। नक्षत्र। ३. वह नक्षत्र जिसमें किसी का जन्म हुआ हो। ४. श्योनाक वृक्ष। सोनापाढ़ा। ५. सप्त ऋषि। ६. दे० ‘ऋक्षवान’ (पर्वत)।				 | 
			
			
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					ऋक्ष-नाथ					 :
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					पुं० [ष० त०] १. तारिकाओं के राजा, चंद्रमा। २. रीछों के राजा जाबवान।				 | 
			
			
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					ऋक्ष-नेमि					 :
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					पुं० [ष० त०] विष्णु।				 | 
			
			
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					ऋक्ष-पति					 :
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					पुं०=ऋक्षनाथ।				 | 
			
			
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					ऋक्ष-राज					 :
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					पुं० [ष० त०] जांबवान्।				 | 
			
			
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					ऋक्षवान् (वत्)					 :
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					पुं० [सं० ऋक्ष्+मतुप् मव] रैवतक पर्वत का वह अश जो नर्मदा के किनारे-किनारे गुजरात तक चला गया है।				 | 
			
			
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					ऋक्षा					 :
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					स्त्री० [सं० ऋक्ष+अच्-टाप्] उत्तर दिशा।				 | 
			
			
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					ऋक्षीक					 :
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					वि० [सं० ऋक्ष्+ईकन] भालू की तरह मांस खानेवाला।				 | 
			
			
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					ऋक्षीका					 :
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					स्त्री० [सं० ऋक्षीक+टाप्] एक देवी।				 | 
			
			
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					ऋक्षेश					 :
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					पुं० [सं, ऋक्ष-ईश, ष० त०] १. चंद्रमा। २. जांबवान्।				 | 
			
			
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