ओप/op

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शब्द का अर्थ

ओप  : स्त्री० [हिं० ओपना] १. आभा। चमक। दीप्ति। २. मुख (विशेषतः स्त्रियों के मुख) की शोभा या सुन्दरता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ओप  : स्त्री० [हिं० ओपना] १. आभा। चमक। दीप्ति। २. मुख (विशेषतः स्त्रियों के मुख) की शोभा या सुन्दरता।
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ओपची  : पुं० [हिं० ओप+ची (प्रत्यय)] जिसके शरीर पर कवच, झिलिम आदि चमकता हो। कवचधारी। योद्धा।
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ओपची  : पुं० [हिं० ओप+ची (प्रत्यय)] जिसके शरीर पर कवच, झिलिम आदि चमकता हो। कवचधारी। योद्धा।
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ओपति  : स्त्री०=उत्पत्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ओपति  : स्त्री०=उत्पत्ति।
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ओपना  : स० [सं० आवपन] ओप से ०युक्त करना। चमकाना। दीप्त करना। अ०=चमकना। अ० युक्त होना। उदाहरण—हरि रस-ओपी गोपी ये सबै तियनि तें न्यारी।—नंददास।
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ओपना  : स० [सं० आवपन] ओप से ०युक्त करना। चमकाना। दीप्त करना। अ०=चमकना। अ० युक्त होना। उदाहरण—हरि रस-ओपी गोपी ये सबै तियनि तें न्यारी।—नंददास।
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ओपनि  : स्त्री०=ओप।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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ओपनि  : स्त्री०=ओप।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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ओपनी  : स्त्री० [हिं० ओप] १. पत्थर का वह टुकड़ा जिससे रगड़कर कटार, तलवार आदि चमकाई जाती है। २. अकीक या यशब पत्थर का वह टुकड़ा जिससे रगड़कर चित्र आदि पर का सोना या चाँदी चमकाते हैं। बट्टी। मोहरा। (बर्निशर)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ओपनी  : स्त्री० [हिं० ओप] १. पत्थर का वह टुकड़ा जिससे रगड़कर कटार, तलवार आदि चमकाई जाती है। २. अकीक या यशब पत्थर का वह टुकड़ा जिससे रगड़कर चित्र आदि पर का सोना या चाँदी चमकाते हैं। बट्टी। मोहरा। (बर्निशर)।
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ओपित  : भू० कृ० [हिं० ओप] ओप से युक्त किया हुआ। चमकाया हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ओपित  : भू० कृ० [हिं० ओप] ओप से युक्त किया हुआ। चमकाया हुआ।
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ओपी  : वि० [हिं० ओप] जिसमें ओप हो। चमकता हुआ।
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ओपी  : वि० [हिं० ओप] जिसमें ओप हो। चमकता हुआ।
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