शब्द का अर्थ
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					कगर					 :
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					पुं० [सं० क=जल और अग्र] [स्त्री० अल्पा० कगरी] १. नदी, तालाब आदि का ऊँचा किनारा। २. खेत की ऊँची मेंड़। ३. किसी वस्तु का कुछ ऊँचा उठा हुआ किनारा या सिरा। ४. सीमा। हद। जैसे—मैं तो आत्मवध की कगर पर पहुँच चुकी हूँ।—वृन्दावनलाल। ५. किसी ओर कुछ हटकर या अलग स्थान। ६. टीला। ढूह। क्रि० वि० १. किनारे या सिरे पर। २. निकट। पास, समीप। ३. किसी ओर अलग और कुछ दूर हटकर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कगरे					 :
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					क्रि० वि० [हिं० कगर] १. किनारे पर या किनारे के पास। २. किनारे-किनारे। ३. अलग होकर या पीछे हटकर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |