शब्द का अर्थ
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					करि					 :
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					विभ० =को। उदा०—सत्रु न काहू करि गने।—तुलसी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					करि-वदन					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] गणेश।				 | 
			
			
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					करिअ					 :
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					पुं०=करिआ।				 | 
			
			
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					करिआ					 :
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					पुं० =[सं० कर्णिक प्रा० कड्डिअ] नाव की पतवार। वि० १. =काला। २.=करवैया।				 | 
			
			
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					करिका					 :
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					स्त्री० [सं० कर+ठन्—इक्, टाप्] नाखून की खरोंच से शरीर में होनेवाला क्षत या घाव।				 | 
			
			
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					करिखई					 :
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					स्त्री० =कालिख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिखा					 :
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					पुं०= कालिख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिगह					 :
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					पुं० =करघा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिण					 :
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					पुं० [सं० करिन,] [स्त्री० करिणी] हाथी।				 | 
			
			
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					करिणी					 :
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					स्त्री [सं० कर+इनि, ङीप्]१. हाथी। हथिनी। २. वह कन्या जिसका जन्म वैश्य पिता और शूद्रा माता से हुआ हो।				 | 
			
			
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					करिंद					 :
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					पुं० [सं० करींद्र] बहुत बड़ा और बढ़िया हाथी।				 | 
			
			
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					करिनिका					 :
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					स्त्री० [सं० कर्णिका] करन फूल। उदा०—मधि कमनीय करिनिका सब सुख सुन्दर कन्दर।—नंददास।				 | 
			
			
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					करिनी					 :
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					स्त्री० =करिणी।				 | 
			
			
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					करिबदन					 :
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					पुं० [सं० करिवदन] गणेशजी।				 | 
			
			
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					करिया					 :
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					पुं० [सं० कर्ण] १. पतवार। २. केवट। मल्लाह। ३. कर्णधार। उदा०—सागर जगत जहाज कौ करिया केशवदास।—केशव। वि० [हिं० काला] काले रंगका। काला उदा०—करिया मुँह करि जाहि अभागे।—तुलसी। पुं० ऊख में लगनेवाला एक रोग जिससे वह काला पड़ जाता है।				 | 
			
			
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					करियाई					 :
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					स्त्री० १. =कालापन। २.=कालिख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करियारी					 :
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					स्त्री० [सं० कलिकारी] कलियारी (जहरीला पौधा)। स्त्री० = लगाम (घोड़े की)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिल					 :
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					स्त्री० [हिं० कोंपल] नया कल्ला। कोंपल। वि० =काला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिवार					 :
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					पुं० [सं० करवाल] तलवार।				 | 
			
			
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					करिहाँ					 :
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					स्त्री० [सं० कटि भाग] कमर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिहारी					 :
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					स्त्री० =कलियारी। (पौधा) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					करिहाँव					 :
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					स्त्री० [सं० कटिभाग] १. कमर। २. कोल्हू का बीच वाला गराड़ीदार भाग। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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