शब्द का अर्थ
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					काम्य					 :
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					वि० [सं०√कम्+णिङ+यत्] १. जिसकी कामना की गई हो अथवा की जा सके। जो कामना किये जाने के योग्य हो। २. जो किसी की इच्छा या रुचि के अनुकूल या अनुसार हो। ३. प्रिय,सुन्दर और सुखद। ४. जिससे अथवा जिसके द्वारा कामना की सिद्धि होती हो अथवा हो सकती हो। जैसे—काम्य धर्म। ५. जो अपनी इच्छा से होता हो या हो सकता हो। जैसे—काम्य मरण।				 | 
			
			
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					काम्य-कर्म (न्)					 :
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					पुं० [कर्म० स०] किसी उद्देश्य या कामना की सिद्धि के लिए किया जानेवाला कोई अनुष्ठान या कार्य।				 | 
			
			
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					काम्य-मरण					 :
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					पुं० [कर्म० स०] १. अपनी इच्छा से अर्थात् जब जी चाहे तब मरना। २. मुक्ति।				 | 
			
			
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					काम्या					 :
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					स्त्री० [सं० √कम्+णिङ्+क्वय्, टाप्] १. कामना। २. प्रयोजन। ३. उद्देश्य।				 | 
			
			
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					काम्येष्टि					 :
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					स्त्री० [सं० काम्या-इष्टि, कर्म० स०] वह यज्ञ जो किसी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता हो। जैसे—पुत्रेष्टि।				 | 
			
			
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