शब्द का अर्थ
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कैंची :
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स्त्री० [तुं०] १. दो फलोंवाला एक प्रसिद्ध उपकरण, जिसकी दोहरी धारों की दाब से बीच में रखी हुई चीज कट जाती है। (सीजर) जैसे—कपड़ा या कागज काटने की कैंची। मुहावरा—कैंची करना=काटना।—छाँटना। कैंची की तरह जबान चलना=मुँह से जल्दी-जल्दी, बहुत अधिक और उद्दंडतापूर्ण बातें निकलना। कैंची लगाना=कतरना या काटना। २. उक्त की बनावट के आधार पर आड़ी या तिरछी रखी जानेवाली ऐंसी तीलियाँ, घरनें लकड़ियाँ आदि जो किसी प्रकार की रचना को सँभालने के लिए उसके नीचे खड़ी या लगाई जाती हैं। जैसे—छत या छाजन की कैंची, पुल की कैंची। मुहावरा—कैंची लगाना=दो या अधिक तीलियों, लकड़ियों आदि को उक्त ढंग से एक दूसरे के साथ जडना या रखना या लगाना। ३. उक्त के आधार पर, किसी चीज या सवारी पर बैठने का वह ढंग जिसमें दोनों टाँगे नीचे लटकाकर उनके सिरे एक दूसरी की विपरीत दिशा में फैलायें जाते हैं। जैसे—घोड़े पर बैठकर कैंची बाँधना (अर्थात् दोनों जाँघों और टाँगों से उसका पेट अच्छी तरह दबा रखना। ४. उक्त के आधार पर, कुस्ती का एक पेंच जिसमें अपनी टाँगों से प्रतिपक्षी की कमर, टाँगे या पेट फँसाकर उसे नीचे दबाये रखते हैं। क्रि० प्र०-बाँधना। ५. मालखंभ की एक कसरत जिसमें खिलाड़ी मालखंभ को उक्त प्रकार या रूप से पैरों से जकड़कर पकड़ता है। स्त्री० [हिं० कैंचा=काना+ऐंचा या कनैंचा] किसी की आँख बचाकर या और किसी प्रकार उसके सामने से हटकर इधर-उधर होने की क्रिया या भाव। मुहावरा—कैंची काटना=(क) किसी की आँख बचाकर इधर-उधर हो जाना। कतराना। (ख) किसी से कुछ कहकर मुकर जाना। पीछे हटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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