शब्द का अर्थ
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					कैद					 :
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					स्त्री० [अ] १. बंधन। २. बंधन में रहने की अवस्था या भाव। ३. अपराधी को दंड़ देने के लिए बंद स्थान में रखना। कारावास। मुहावरा—कैद काटना या भोंगना=कारावास में दिन बिताना।				 | 
			
			
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					कैदक					 :
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					स्त्री० [अ०]कागज की वह दफ्ती या पट्टी जिसमें कागज पत्र आदि बाँधकर रखे जाते हैं।				 | 
			
			
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					कैदखाना					 :
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					पुं० [फा०] वह स्थान जहाँ दंडित अपराधी को कुछ नियत समय तक बंद करके रखा जाता है। जेलघर। (जेल, प्रिजन)।				 | 
			
			
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					कैदतनहाई					 :
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					स्त्री० [सं० कैद+फा० तनहाई] वह कैद जिसमें कैदी को किसी एक कोठरी में अकेले रहना पड़ता है। अन्य कैदियों से अलग रहने की सजा।				 | 
			
			
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					कैदमहज					 :
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					स्त्री० [अ] वह कैद जिसमें अपराधी को जेल-जीवन में परिश्रम न करना पड़ता हो, केवल बन्द रहना पड़ता हो। सादी कैद।				 | 
			
			
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					कैदसख्त					 :
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					स्त्री० [अ० कैद+फा० सख्त] अपराधी को कारावास के दिनों में कठोर परिश्रम का काम करते रहने की सजा।				 | 
			
			
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					कैदसोवारी					 :
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					स्त्री० [हि० कद+सोवारी] तबला बजाने में एक प्रकार की गत।				 | 
			
			
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					कैदार					 :
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					वि० [सं० केदार+अण्] १. केदार प्रदेश में रहनेवाला। २. केदार संबंधी। पुं० १. पद्यकाष्ट। पद्याख। २. शालिधान्य।				 | 
			
			
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					कैदी					 :
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					पुं० [अ०] १. वह जिसे कैद अर्थात् बंधन में रखा गया हो। २. वह अपराधी जिसे न्यायालय ने कैद रहने की सजा दी हो।				 | 
			
			
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					कैदु					 :
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					अव्य० [हिं० कै=या+दु (धौं)] हो सकता है कि। कदाचित। कहीं। उदाहरण—हम कातर डराति अपने सिर कहुँ कलंक ह्रै कैदु।—सूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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