शब्द का अर्थ
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					कोहा					 :
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					पुं० [सं० कोश=पात्र] ईख का रस,काँजी आदि रखने का बड़ा पात्र। नाँद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					कोहान					 :
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					पुं० [फा०] ऊँट की पीठ पर का डिल्ला। कूबड़।				 | 
			
			
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					कोहाना					 :
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					अ० [हिं०कोह=क्रोध] १. क्रोध करना। नाराज होना। बिगड़ना। २. मान करना। रूठना। उदाहरण—तुम्हहिं कोहाब परम प्रिय अहई।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					कोहाँर					 :
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					पुं० =कुम्हार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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