शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					क्षर					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√क्षर् [संचलन]+अच्] १. जिसका क्षरण होता हो या होने को हो। २. नाशवान्। नश्वर। पुं० १. जल। पानी। २. मेघ। बादल। ३. शरीर। देह। ४. जीवात्मा				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					क्षर-स्फटिक					 :
				 | 
				
					पुं० [उपमि० स०] एक प्रकार का स्फटिक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					क्षरण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√क्षर्+ल्युट्—अन] १. तरल पदार्थ का किसी पात्र में से बूँद-बूँद करके गिरना या रसना। चूना। २. झड़ना। ३. क्षीण होना। ४. छूटना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					क्षरित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं० क्षर्+क्त] जिसका क्षरण हुआ हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					क्षरी (रिन)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० क्षर+इनि] वर्षाकाल। बरसात।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |