शब्द का अर्थ
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					क्षारक					 :
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					पुं० [सं०√क्षर्+ण्वुल्—अक] १. क्षार करने या जलाने वाला। दाहक। २. सेंद्रिय ऊतकों या तंतुओं को जलाने या नष्ट करने वाला। (कास्टिक) ३. सज्जी। ४. कलिका। ५. धोबी। ६. चिड़ियाँ फाँसाने का जाल। ७. चिड़ियों का पिंजड़ा। ८. मछलियाँ पकड़ने की खाँची या दौरी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					क्षारक-रजत					 :
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					पुं० [कर्म० स०] चाँदी में से निकला हुआ एक विशेष तत्त्व जो चमड़ा जला देता है। (कास्टिक सिल्वर)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |