| शब्द का अर्थ | 
					
				| खेह					 : | स्त्री० [सं० क्षार, पं० खेह] १. धूल-मिट्टी। उदाहरण-सैतब खेंह उड़ावन झोली।–जायसी। मुहावरा–खेह खाना=(क) व्यर्थ समय खोना। (ख) इधर-उधर की ठोकरें खाना। कष्ट भोगना। २. भस्म। राख। | 
			
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				| खेहति					 : | स्त्री० दे० ‘खेह’। | 
			
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				| खेहर					 : | स्त्री०= खेवह। | 
			
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				| खेहा					 : | पुं० [?] बटेर की तरह का एक पक्षी। | 
			
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