शब्द का अर्थ
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गदा :
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स्त्री० [सं० गद+टाप्] १. एक प्रकार का प्राचीन अस्त्र जिसमें लंबे डंडे के आगे मोटा गोला लगा था। २. उक्त आकार की वह चीज जो कसरत या व्यायाम करने के लिए हाथों से उठाकर शरीर के इधर-उधर घुमाई जाती है। लोढ़। पुं० [फा०] १. भिक्षुक। भिखमंगा। २. फकीर। |
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समानार्थी शब्द-
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गदाई :
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वि० [फा० गदा-फकीर+ई० (प्रत्यय)] १. तुच्छ। नीच। क्षुद्र। २. रद्दी। वाहियात। स्त्री० भिखमंगा होने की अवस्था या भाव। भिखमंगापन। |
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गदाका :
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पुं० [अनु०] किसी को उठाकर जमीन पर इस प्रकार पटकने की क्रिया जिसमें गद शब्द हों। वि० गदराये हुए सुडौल शरीरवाला। |
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गदागद :
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पुं० [सं० गद्-आ√गम् (गाना)+ड, गदाग√दैप्(शोध करना)+क] अश्विनी कुमार। अ० य० [अनु०] १. गद गद शब्द करते हुए। २. एक के बाद एक। लगातार। (मुख्यतः आघात या प्रहार के लिए) जैसे–गदागद घूँसे लगाना। |
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गदाग्रज :
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पुं० [सं० गद-अग्रज,ष० त० ] गद के बड़े भाई श्रीकृष्ण। |
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गदाग्रणी :
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पुं० [सं० गद-अग्रणी, स० त० ] क्षय या यक्ष्मा नामक रोग। |
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गदांतक :
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पुं० [सं० गद-अंतक,ष० त० ] अश्विनीकुमार। |
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गदाधर :
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वि० [सं० गदा√धृ(धारण करना)+अच्] गदा धारण करनेवाला। पुं०विष्णु जिनके हाथ में गदा रहती है। |
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गदांबर :
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पुं० [सं० गद-अंबर,मध्य० स० ] मेघ। |
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गदाराति :
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पुं० [सं० गद-अराति, ष० त० ] औषध। दवा। |
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गदाला :
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पुं० [हिं० गद्दा] हाथी की पीट पर कसा जानेवाला गद्दा। |
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गदावारण :
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पुं० [सं०] एक प्रकार का प्राचीन बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगे रहते थे। |
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