शब्द का अर्थ
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गोरख :
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पुं० =गोरखनाथ (योगी)। |
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समानार्थी शब्द-
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गोरख-इमली :
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स्त्री० [हिं० गोरख+इमली] बहुत बड़ा और मोटे तनेवाला एक प्रकार का पेड़। |
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गोरख-ककड़ी :
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स्त्री० [हिं० गोरख+ककड़ी] फूट नामक ककड़ी या फल। गोरखी। |
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गोरख-डिब्बी :
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स्त्री० [हिं० गोरख+डिब्बी] पानी का वह कुंड या स्रोत जिसमें से गरम तथा खनिज पदार्थों से युक्त जल निकलता हो। |
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गोरख-धंधा :
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पुं० [हिं० गोरखनाथ+धंधा] १. ऐसा कठिन और जटिल काम या बात जिसका निराकरण सहज में न हो सकता हो। २. ऐसी झंझट या बखेड़ा जिससे जल्दी छुटकारा न हो। ३. कई तारों, कड़ियों या लकड़ी के टुकड़ों का वह समूह या रचना जिसे जोड़ने या अलग-अलग करने के लिए विशेष बुद्धिबल की आवश्यकता होती है। विशेष-ये एक प्रकार के खिलौने से होते हैं। |
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गोरख-नाथ :
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पुं० [गोरक्षनाथ] ई० १५ वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध अवधूत महात्मा और हठयोगी जिनका चलाया हुआ गोरखपंथ नामक संप्रदाय है। इन्हीं के नाम पर गोरखपुर शहर बसा है। |
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गोरख-पंथ :
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पुं० [हिं० गोरखनाथ+पंथ] महात्मा गोरखनाथ द्वारा प्रस्थापित एक पंथ या संप्रदाय। |
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गोरख-पंथी :
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वि० [हिं० गोरखनाथ+पंथी] गोरखनाथ के चलाये हुए पंथ का अनुयायी। |
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गोरख-मुडी :
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स्त्री० [सं० मुण्डी] एक प्रकार की घास जिसमें घुण्डी के तरह के छोटे गोल फल लगते हैं, ये फल रक्तशोधन के लिए बहुत गुणकारी कहे गये हैं। |
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गोरखर :
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पुं० [फा०] गधे की जाति का एक प्रकार का जंगली पशु जो गधे से बडा़ और घोड़े से छोटा होता तथा उत्तर-पश्चिमी भारत में पाया जाता है। |
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गोरखा :
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पुं० [सं० गोरक्ष अथवा हिं० गो+रखना] १. नेपाल देश का एक प्रदेश। २. उक्त प्रदेश में रहनेवाली एक वीर जाति। ३. उक्त जाति का पुरुष। |
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गोरखाली :
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स्त्री० [हिं० गोरख] गोरखा नामक जाति और प्रदेश की बोली। |
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गोरखी :
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स्त्री० गोरख-ककड़ी। |
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