चुटक/chutak

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चुटक  : स्त्री० [हिं० चुटकना] १. चुटकने की क्रिया या भाव। २. चुटकी। ३. एक प्रकार का कोड़ा जिसका प्रयोग घोड़ों को चलाना सिखाने के लिए होता है। पुं० [?] एक प्रकार का कालीन या गलीचा।
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चुटकना  : स० [हिं० चुटकी] १. चुटकी से पकड़कर कोई चीज उखाड़ना या तोड़ना। जैसे–पत्तियाँ, फूल या साग चुटकना। २. चुटकी से पकड़कर शरीर का कुछ अंश जोर से दबाना। चिकोटी काटना। ३. साँप का किसी को काटना। ४. कोड़ा मारना। चाबुक चलाना। अ० १. चुटकी बजाना। २. चुट चुट शब्द करना। उदाहरण–करै चाह सौं चुटकिं कै खरे उडौंहैं मैन।–बिहारी।
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चुटकला  : पुं०=चुटकुला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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चुटका  : पुं० [हिं० चुटकी] १. बड़ी चुटकी। २. उतनी चीज जो चुटकी में आवे। जैसे–चुटका भर आटा।
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चुटकी  : स्त्री०=चुटकी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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चुटकी  : स्त्री० [चुट-चुट शब्द से अनु०] १. कोई वस्तु उठाने, दबाने, पकड़ने आदि के लिए अथवा कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए अँगूठे के सिरे से तर्जनी का सिरा मिलाने की मुद्रा या स्थिति। जैसे–गौ, भैंस दुहने या पत्तों का दोना बनाने के लिए चुटकी से काम लेना। मुहावरा–चुटकी बैठना=चुटकी की सहायता से किये जानेवाले काम का ठीक और पूरा अभ्यास होना। जैसे–जब चुटकी बैठ जायेगी तबदोने ठीक बनने लगेगे। चुटकी लगाना=(क) कोई चीज उठाने, खींचने तोडने पकड़ने आदि के लिए अँगूठे और तर्जनी की उक्त प्रकार की मुद्रा से काम लेना। जैसे–(क) उचक्के ने चुटकी लगाकर उसके जेब से नोट निकाल लिये। (ख) पत्तों को मोड़कर दोना बनाने के लिए चुटकी लगाना। (ग) चुनरी आदि रंगने के समय जगह-जगह से कपड़े के कुछ अंश पकड़कर डोरी-तागे से इस प्रकार बाँधना कि उतने अंश पर रंग न बढ़ने पावे। २. किसी के शरीर में पीड़ा उत्पन्न करने अथवा उसका ध्यान किसी बात की ओर आकृष्ट करने के लिए अँगूठे और तर्जनी से उसके शरीर का थोड़ा सा चमड़ा पकड़ कर दबाने की क्रिया या भाव। चिकोटी। जैसे–(क) उसने ऐसे जोर से चुटकी काटी कि चमड़ा लाल हो गया। क्रि० प्र०–काटना। मुहावरा–चुटकी भरना=उक्त प्रकार की मुद्रा से किसी के शरीर का चमड़ा पकड़कर दबाना। चिकोटी या चुटकी काटना। ३. उक्त के आधार पर लाक्षणिक रूप में किसी को मार्मिक कष्ट पहुँचाने, लज्जित करने या हास्यास्पद बनाने के लिए कही हुई कोई चुभती या लगती हुई व्यंग्यपूर्ण उक्ति या बात। जैसे–अपने भाषण में वे मंत्रियों पर भी चुटकियाँ लेते चलते थे। क्रि० प्र०–लेना। मुहावरा–(किसी को) चुटकियों में उड़ाना किसी को बहुत ही तुच्छ या हीन समझते हुए और बहुत सहज में नगण और हास्यास्पद ठहराना या सिद्ध करना। जैसे–पंडित जी को तो उन्होंने चुटकियों में ही उड़ा दिया। ४. किसी चीज को उठाने या देने के लिए अँगूठे, तर्जनी और मध्यमा उँगलियों के अगले सिरों को मिलाने की मुद्रा या स्थिति। पद–चुटकी भर=किसी चीज का उतना अंश जितना उक्त प्रकार की पकड़ में आता हो अर्थात् बहुत थोड़ा। जैसे–भिखमंगे को चुटकी भर आटा दे दो। मुहावरा–चुटकी मांगना=उक्त प्रकार से थोड़ा-थोड़ा अन्न घर-घर भीख के रूप में माँगते फिरना। ५. चुमकारने, पुचकारने अथवा अपनी ओर किसी का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अँगूठे और मध्यमा के सिरों को मिलाकर इस प्रकार जोर से चटकाने की क्रिया जिससे चुट शब्द होता है। जैसे–चुटकी बजाकर तोते को पढ़ाना या बच्चे को बुलाना। क्रि० प्र०–बजाना। मुहावरा–चुटकी देना अँगूठे और तर्जनी की उक्त प्रकार की मुद्रा से चुट-चुट शब्द उत्पन्न करना। चुटकी बजाना। उदाहरण–सो मूरति तू अपने आँगन दै दै चुटकी नचाई।–सूर। (किसी की) चुटकी या चुटकियों पर कोई काम करना=बहुत ही थोड़े या सामान्य संकेत पर कोई काम ठीक या पूरा करना। जैसे–हमारा पुराना नौकर तो चुटकियों पर सब काम करता था। चुटकी या चुटकियों में=उतने ही थोड़े समय में जितना चुटकी या चुटकियाँ बजाने में लगता है, अर्थात् बहुत जल्दी या शीघ्र। जैसे–घबराते क्यों हों, सब काम चुटकियों में हुआ जाता है। ६. धातु आदि का बना हुआ वह उपकरण जो देखने में चुटकी की पक़ड़ के आकार का होता है और जिससे कपड़े, कागज आदि पकड़कर इसलिए दबाये जाते हैं कि वे इधर-उधर उड़ने या बिखरने न पावें। (इस पर पहले हाथ की उँगलियों की सी आकृति बनी रहती थी, इसी लिए पंजा भी कहते हैं) ७. जरदोजी के काम में गोटे, लचके आदि को बीच-बीच में मोड़ते हुए बनाया जानेवाला लहरियेदार और सुन्दर रूप जो कई प्रकार का होता है। जैसे–उस ओढनी पर किश्तीनुमा चुटकी बनी थी। ८. एक प्रकार का गुलबदन या मशरू जिसमें उक्त प्रकार का कटावदार काम होता है। ९. पैर की उँगलियों में पहना जानेवाला एक प्रकार का चौड़ा छल्ला। १॰. कपड़े की छपाई और रंगाई का एक प्रकार का पुराना ढंग जिसमें बीच-बीच में कपड़े का कुछ अंश दबाकर रंग से अलग रखा जाता था। ११. दरी की बुनावट में ताने के सूत। १२. बंदूक का वह खटका जिसे दबाने से गोली चलती है। बंदूक का घोड़ा। (लश०) १३. पेच कसने और खोलने, बोतल का काग निकालने आदि का पेचकस। (क्व०)
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चुटकुला  : पुं० [हिं० चुटकी] १. कोई ऐसी चमत्कारपूर्ण और विलक्षण उक्ति, कहानी, आदि जिसे सुनकर सब लोग प्रसन्न हो जायँ या हँस पड़ें। हँसी-विनोद की कोई बढिया और मजेदार बात। मुहावरा–चुटकुला छेड़ना कोई ऐसी बात कहना जिससे लोगों को कौतूहल हो और वे उसकी चर्चा करने लगे या उसके संबंध में आपस में कुछ झगड़ा या विवाद करने लगें। २. दवा का कोई ऐसा छोटा और सहज अनुयोग या नुस्खा जो बहुत गुण-कारक सिद्ध होता हो। लटका।
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