| शब्द का अर्थ | 
					
				| जत्र					 : | क्रि० वि०=यंत्र।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| जत्रानी					 : | स्त्री० [?] रुहेलखंड में बसी हुई जाटों की एक जाति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| जत्रु					 : | पुं० [सं०√जन् (उत्पत्ति)+रु, त आदेश] धड़ के ऊपरी भाग में गले के नीचे और छाती के ऊपर दोनों ओर की अर्द्ध-चंद्राकार हड्डियाँ। हँसली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| जत्रुक					 : | पुं० [सं० जत्रु+कन्]=जत्रु। | 
			
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