शब्द का अर्थ
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जीमूत :
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पुं० [सं०√जि (जीतना)+क्त, मूट्, दीर्घ] १. पर्वत। पहाड़। २. बादल। मेघ। ३ नागरमोथा। ४. देव-ताड़ नामक वृक्ष। ५. घोषा नाम की लता। ६. शाल्मलि द्वीप के एक वर्ष का नाम ७. इंद्र। ८. सूर्य। ९. विराट की एक सभा का मल्ल। १॰. एक प्रकार का दंडक वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में दो नगण और ग्यारह रगण होते हैं। वि० जीवित रखने या पोषण करनेवाला। |
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जीमूत मुक्ता :
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स्त्री० [मध्य० स] एक प्रकार का कल्पित मोती जिसकी उत्पत्ति बादलों से मानी गयी है। |
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जीमूत मूल :
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पुं० [ब० स०] गंधमूली। |
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जीमूत-कूट :
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पुं० [ब० स०] पर्वत। |
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जीमूत-केतु :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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जीमूत-वाहन :
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पुं० [सं०] इंद्र। |
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जीमूतवाही(हिन्) :
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पुं० [सं० जीमूत√वह् (ले जाना)+णिनि] धुआँ। |
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