तंद्रिक-सन्निपात/tandrik-sannipaat

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तंद्रिक-सन्निपात  : पुं० [कर्म० स०] वैद्यक में, एक तरह सन्निपात जिसमें ज्वर बहुत तेजी से बढ़ता है, दम फूलने लगता, दस्त आने लगते हैं, प्यास अधिक लगने लगती है तथा जीभ काली पड़ जाती हैं। इसकी अवधि साधारणतः २५ दिनों की कही गई है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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