तीक्ष्णाग्र/teekshnaagr

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तीक्ष्णाग्र  : वि० [तीक्ष्ण-अग्र, ब० स०] १. प्रबल जठराग्नि। २. अजीर्ण या अपच नाम का रोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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