शब्द का अर्थ
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दक्षिणा :
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स्त्री० [सं० दक्षिण+टाप्] १. दक्षिण दिशा। २. वह धन, जो ब्राह्मणों को कर्मकांड, यज्ञ आदि कराने के बदले में अथवा दान देने, भोजन कराने आदि के उपरांत या साथ दिया जाता है। ३. वह धन जो किसी के प्रति आदर-सम्मान प्रकट करने के लिए उसे भेंट किया जाता है। ४. लाक्षणिक रूप में, किसी को नगद दिया जानेवाला धन। ५. साहित्य में वह नायिका जो नायक के दूसरी स्त्रियों के साथ संबंध करने पर भी उससे पूर्ववत् प्रेम रखती है और किसी प्रकार का द्वेष या रोष नहीं करती। |
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दक्षिणा-पथ :
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पुं० [सं० दक्षिणा, दक्षिण+आच्, दक्षिणापथ, स० त०] १. दक्षिण दिशा की ओर चलनेवाला पथ। २. दक्षिण भारत या उसमें के प्रदेश। |
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दक्षिणा-मूर्ति :
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पुं० [ब० स०] तंत्र के अनुसार शिव की एक मूर्ति। |
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दक्षिणाग्नि :
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पुं० [दक्षिण-अग्नि, कर्म० स०] गार्हपत्य अग्नि के दक्षिण में रखी जानेवाली अग्नि। |
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दक्षिणाग्र :
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वि० [दक्षिण-अग्र, ब० स०] जिसका अग्रभाग दक्षिण की ओर हो। |
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दक्षिणाचल :
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पुं० [दक्षिण-अचल, मध्य० स०] मलयगिरि पर्वत। |
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दक्षिणाचार :
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पुं० [दक्षिण-आचार, कर्म० स०] १. अच्छा और शुद्ध आचरण। सदाचार। २. वाममार्ग का एक पंथ या शाखा जिसमें उपासक अपने आपको शिव मानकर पंच तत्त्वों से शिव की पूजा करता है। |
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दक्षिणाचारी (रिन्) :
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वि० [सं० दक्षिणाचार+इनि] १. दक्षिण अर्थात् अच्छे और शुद्ध मार्ग पर चलनेवाला। २. धर्मशील और सदाचारी। |
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दक्षिणापरा :
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स्त्री० [दक्षिणा-अपरा, ब० स०] नैर्ऋत कोण। |
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दक्षिणाभिमुख :
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वि० [दक्षिण-अभिमुख, ब० स०] १. जिसका मुँह दक्षिण की ओर हो। २. जो दक्षिण की ओर उन्मुख हो। |
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दक्षिणायन :
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वि० [दक्षिण-अयन ब० स०] १. जो दक्षिण की ओर हो २. भू-मध्य रेखा से दक्षिण की ओर का। जैसे—दक्षिणायन सूर्य। पुं० [स० त०] १. सूर्य की वह गति जो कर्क रेखा से दक्षिण और मकर रेखा की ओर होती है। २. वह छः महीनों का समय जिसमें सूर्य की गति उक्त प्रकार की रहती है। |
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दक्षिणावर्त :
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वि० [सं० दक्षिणा+आ√वृत् (बरतना)+अच्, उप० स०] जिसका घुमाव, प्रकृति या मुँह दाहिनी दिशा की ओर को हो। जैसे—दक्षिणावर्त्त शंख। पुं० एक प्रकार का शंख, जिसका घुमाव या मुँह (साधारण के विपरीत) दक्षिण या दाहिने हाथ की ओर होता है। |
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दक्षिणावर्तकी :
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स्त्री० [सं० दक्षिणावर्त्त√कै (शब्द करना)+क—ङीष्] वृश्चिकाली नाम का पौधा। |
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दक्षिणावह :
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पुं० [सं० दक्षिणा√वह् (बहना)+अच्] दक्षिण दिशा से आनेवाली वायु। दक्खिनी हवा। |
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दक्षिणाशा :
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स्त्री० [सं० दक्षिण-आशा, कर्म० स०] दक्षिण दिशा। |
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दक्षिणाशा-पति :
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पुं० [ष० त०] १. यम, जो दक्षिण-दिशा के स्वामी माने गये हैं। २. मंगल ग्रह। |
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