शब्द का अर्थ
|
दहा :
|
पुं० [सं० दश से फा० दह] १. मुहर्रम मास के प्रारम्भिक दस दिन जिनमें मुसलमान ताजिया रखते और मातम करते हैं। २. ताजिया। ३. मुहर्रम का महीना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दहाई :
|
स्त्री० [फा० दह+आई (प्रत्य०)] १. गिनती में दस होने की अवस्था, भाव या मान। जैसे—पाँच दहाई पचास। २. गिनती के विचार से लिखे हुए अंको का दाहिनी ओर से (बाई ओर से नहीं) दूसरा स्थान जिस पर लिखे हुए अंक का मान उसकी अपेक्षा ठीक दस गुना अधिक माना जाता है। जैसे—१२६ में का ६ इकाई के स्थान पर, २ दहाई के स्थान पर और १ सैकड़े के स्थान पर है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दहाड़ :
|
स्त्री० [अनु०] १. दहाड़ने की क्रिया या भाव। २. शेर के जोर से गरजने का शब्द। ३. जोरों की ऐसी चिल्लाहट जो दूसरों को डरा दे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दहाड़ना :
|
अ० [हिं० दहाड़+ना (प्रत्य०)] १. शेर का जोर से शब्द करना। २. इस प्रकार जोर से चिल्लाना कि लोग डर जायँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दहाना :
|
पुं० [फा० दहानः] १. किसी चीज का मुँह विशेषतः चौड़ा और बड़ा मुँह। २. मशक का मुँह। ३. घोड़े की लगाम जो उसके मुँह में रहती है। ४. भिश्ती की मशक का मुँह। ५. पनाला। मोरी। ६. दे० ‘मुहाना’। (नदी का)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दहार :
|
पुं० [अ० दयार=प्रदेश] १. प्रांत। प्रदेश। २. गाँव के आस-पास की भूमि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० दहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |