| शब्द का अर्थ | 
					
				| देवन					 : | पुं० [सं०√दिव्+ल्युट्—अन] १. किसी से आगे बढ़ जाने की कामना। २. क्रीड़ा। खेल। ३. उपवन। बगीचा। ४. कमल। पद्म। ५. कांति। चमक। ६. प्रशंसा। स्तुति। ७. गति। चाल। ८. जूआ। द्यूत। ९. खेद। रंज। | 
			
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				| देवनंदी (दिन्)					 : | पुं० [सं० देव√नन्द् (समृद्धि)+णिनि] इंद्र का द्वारपाल। | 
			
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				| देवना					 : | स्त्री० [सं० √दिव्+युच्—अन, टाप्] १. क्रीडा। खेल। २. जूआ। ३. टहल। परिचर्या। सेवा। | 
			
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				| देवनामा (मन्)					 : | पुं० [सं०] कुश द्वीप के एक वर्ष का नाम। | 
			
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				| देवनाल					 : | पुं० [ष० त०] एक तरह का सरकंड़ा। नरसल। | 
			
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				| देवनीक					 : | पुं० [देव-अनीक ष० त०] १. देवताओं की सेना। २. सावर्णि मनु के एक पुत्र का नाम। ३. सगर के वंशज एक राजा। | 
			
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