शब्द का अर्थ
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दोषा :
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स्त्री० [सं०√दुष्+आ] १. रात्रि का अंधकार। २. रात्रि। रात। ३. सांयकाल। सन्ध्या। ४. बाँह। भुजा। |
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समानार्थी शब्द-
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दोषा-तिलक :
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पुं० [ष० त०] दीपक। दीया। |
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दोषाकार :
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पुं० [सं० दोष-आकर ष० त०] १. दोषों का केन्द्र या भण्डार। २. [दोषा√कृ+ट] चन्द्रमा। |
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दोषाक्लेशी :
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स्त्री० [सं० दोषा√क्लिश् (कष्ट देना) +अण्-ङीप्] बन-तुलसी। |
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दोषाक्षर :
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पुं० [सं० दोष-अक्षर ब० स०] किसी पर लगाया हुआ अपराध। अभियोग। |
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दोषारोपण :
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पुं० [सं० दोष-आरोपण ष० त०] १. यह कहना कि इसमें अमुक दोष है। २. यह कहना कि इसने अमुक दोष किया है। |
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दोषावह :
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वि० [सं० दोष-आ√वह् (वहन)+अच्] जिसमें दोष हों। दोषपूर्ण। |
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