नष्ट-चंद्र/nasht-chandr

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नष्ट-चंद्र  : पुं० [कर्म० स०] भादों के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथियों के चंद्रमा जिनके दर्शन का निषेध है। कहते हैं कि उक्त तिथियों में चन्द्रमा का दर्शन करने पर कलंक लगता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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