| शब्द का अर्थ | 
					
				| पटह					 : | पुं० [सं० पट√हन् (चोट करना)+ड] १. डुगडुगी। २. ढोल। ३. नगाड़ा। ४. क्षति या हानि पहुँचाना। ५. हिंसा। ६. किसी काम में हाथ डालना या लगाना। | 
			
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				| पटह-घोषक					 : | पुं० [ष० त०] डुगडुगी,ढोल या नगाड़ा बजानेवाला व्यक्ति। | 
			
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				| पटह-भ्रमण					 : | पुं० [ब० स०] १. लोगों को इकट्ठा करने के लिए घूम-घूमकर ढिंढोरा या ढोल पीटनेवाला व्यक्ति। २. [तृ० त०] डुगडुगी, ढोल आदि बजाते हुए चलना। | 
			
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				| पटहंसिका					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] संपूर्ण जाति की एक रागिनी जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं। | 
			
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				| पटहार (ा)					 : | पुं० [सं० पाट+हिं० हारा (प्रत्य०)] [स्त्री० पटहारिन,पटहारी] सूत,रेशम आदि के तागों में गहनों के दाने,मनके आदि गूँथनेवाला व्यक्ति। पटवा। | 
			
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