शब्द का अर्थ
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परीणाह :
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पुं० [सं० परि√नह् (बंधन)+घञ्, दीर्घ] १. दे० ‘परिणाह’। २. शिव। ३. गाँव के आस-पास तथा चारों ओर की वह भूमि जो सार्वजनिक संपत्ति के अन्तर्गत हो, अथवा जिसका उपयोग सब लोग कर सकते हों। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परीणाह :
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पुं० [सं० परि√नह् (बंधन)+घञ्, दीर्घ] १. दे० ‘परिणाह’। २. शिव। ३. गाँव के आस-पास तथा चारों ओर की वह भूमि जो सार्वजनिक संपत्ति के अन्तर्गत हो, अथवा जिसका उपयोग सब लोग कर सकते हों। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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