शब्द का अर्थ
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पांथ :
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वि० [सं० पथिन्+अण्, पन्थ-आदेश] १. पथिक। २. वियोगी। विरही। पुं० सूर्य। पुं०=पंथ (रास्ता)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांथ :
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वि० [सं० पथिन्+अण्, पन्थ-आदेश] १. पथिक। २. वियोगी। विरही। पुं० सूर्य। पुं०=पंथ (रास्ता)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांथ-निवास :
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पुं० [ष० त०]=पांथ-शाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांथ-निवास :
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पुं० [ष० त०]=पांथ-शाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांथ-शाला :
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स्त्री० [ष० त०] पथिकों और यात्रियों के ठहरने के लिए रास्ते में बनी हुई जहग (इमारत या घर)। जैसे—धर्मशाला, सराय, होटल आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांथ-शाला :
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स्त्री० [ष० त०] पथिकों और यात्रियों के ठहरने के लिए रास्ते में बनी हुई जहग (इमारत या घर)। जैसे—धर्मशाला, सराय, होटल आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |