शब्द का अर्थ
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पुरस :
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पुं० [सं० पुरीष] खाद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस :
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पुं० [सं० पुरीष] खाद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसाँ :
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वि० [फा० पुसाँ] पूछने या खोज-खबर लेनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसा :
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पुं० [सं० पुरुष] ऊँचाई या गहराई नापने की एक नाप जो उतनी ऊँची होती है जितना ऊँचा हाथ ऊपर उठाकर खड़ा हुआ साधारण मनुष्य होता है। लगभग साढ़े चार या पाँच हाथ की एक माप। जैसे—यह कुआँ या नदी चार पुरसा गहरी है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसाँ :
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वि० [फा० पुसाँ] पूछने या खोज-खबर लेनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसा :
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पुं० [सं० पुरुष] ऊँचाई या गहराई नापने की एक नाप जो उतनी ऊँची होती है जितना ऊँचा हाथ ऊपर उठाकर खड़ा हुआ साधारण मनुष्य होता है। लगभग साढ़े चार या पाँच हाथ की एक माप। जैसे—यह कुआँ या नदी चार पुरसा गहरी है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसी :
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स्त्री० [फा०] समस्त पदों के अंत में, जानने के लिए कुछ पूछने की क्रिया या भाव। जैसे—मातम-पुरसी, मिजाज-पुरसी आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरसी :
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स्त्री० [फा०] समस्त पदों के अंत में, जानने के लिए कुछ पूछने की क्रिया या भाव। जैसे—मातम-पुरसी, मिजाज-पुरसी आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्कार :
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पुं० [सं० पुरस्√कृ (करना)+घञ्] [भू० कृ० पुरस्कृत] १. आगे करने की क्रिया। २. आदर। पूजा। ३. प्रधानता। ४. स्वीकार। ५. अच्छी तरह कोई बड़ा और कठिन काम करने पर उसके कर्ता को आदर या सत्कार के रूप में दिया जानेवाला धन या पदार्थ। इनाम (प्राइज)। क्रि० प्र०—देना।—पाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्कार :
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पुं० [सं० पुरस्√कृ (करना)+घञ्] [भू० कृ० पुरस्कृत] १. आगे करने की क्रिया। २. आदर। पूजा। ३. प्रधानता। ४. स्वीकार। ५. अच्छी तरह कोई बड़ा और कठिन काम करने पर उसके कर्ता को आदर या सत्कार के रूप में दिया जानेवाला धन या पदार्थ। इनाम (प्राइज)। क्रि० प्र०—देना।—पाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्कृत :
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भू० कृ० [सं० पुरस्√कृ+क्त] १. आगे किया हुआ। २. पूजित। ३. स्वीकृत। ४. जिसे पुरस्कार मिला हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्कृत :
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भू० कृ० [सं० पुरस्√कृ+क्त] १. आगे किया हुआ। २. पूजित। ३. स्वीकृत। ४. जिसे पुरस्कार मिला हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्तात् :
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अव्य० [सं० पूर्व+अस्ताति, पुर-आदेश] १. आगे। सामने। २. पूर्व दिशा में। ३. पूर्व काल में। ४. आरंभ में। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्तात् :
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अव्य० [सं० पूर्व+अस्ताति, पुर-आदेश] १. आगे। सामने। २. पूर्व दिशा में। ३. पूर्व काल में। ४. आरंभ में। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्सर :
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वि०=पुरः सर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरस्सर :
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वि०=पुरः सर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |