शब्द का अर्थ
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पृतना :
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स्त्री० [सं०√पृ (व्यायाम)+तनन्+टाप्] १. सेना। २. सेना का एक प्राचीन विभाग जिसमें तीन वाहिनियाँ अर्थात् २४३ हाथी, इतने ही रथ, ७२९ घुड़सवार और १२१५ पैदल सिपाही होते थे। ३. लड़ाई। युद्ध। |
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पृतना-पति :
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पुं० [ष० त०]=पृतनानी। |
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पृतनानी :
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पुं० [सं० पृतना√नी (ले जाना)+क्विप्] १. पृतना नामक सेना विभाग का अधिकारी या नायक। २. सेनापति। |
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पृतनाषाट्, पूतनासाह् :
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पुं० [सं० पृतना√सह् (सहा)+ण्वि] इंद्र। |
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