शब्द का अर्थ
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प्रयोगतिशय :
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पुं० [सं० प्रयोग-अतिशय, ष० त०] साहित्य में, रूपक की पाँच प्रकार की प्रस्तावनाओं में से एक जिसमें सूत्रधार प्रस्तावना की समाप्ति होते होते किसी नट या पात्र को मंच की ओर आते हुए देखकर यह कहता हुआ प्रस्थान करता हूँ—अरे...वह तो आ रहा है या आ पहुँचा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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