शब्द का अर्थ
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फरद :
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स्त्री० [अ० फ़र्द] १. वह बही जिसमें हिसाब-किताब लिखा होता है। २. सूची। तालिका। पुं० [अ० फर्द] १. एक या अकेला आदमी। एक व्यक्ति। २. एक ही तरह की और एक साथ बननेवाली अथवा एक साथ काम में आनेवाली चीजों के डोडे में से हर एक । जैसे—एक फरद धोती, एक फरद चादर आदि। ३. ढुलाई, रजाई आदि का वह ऊपरी पल्ला जिसके नीचे अस्तर लगाया जाता है। ४. दो चरणों या पदों की कविता। विशेष—यह शब्द उक्त अर्थों में लोक में प्रायः स्त्री रूप में प्रयुक्त होता है। ५. वह पशु या पक्षी जो जोड़ के साथ नहीं बल्कि अकेला और अलग रहता हो। ६. एक प्रकार का पक्षी जो बरफीले पहाड़ों पर होता है और जिसके विषय में वैसी ही बातें प्रसिद्ध हैं, जैसी चकवा और चकई के विषय में हैं। ७. एक प्रकार का लक्का कबूतर जिसके सिर पर टीका होता है। वि० १. अकेला। २. बेज़ोड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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