| शब्द का अर्थ | 
					
				| फरस					 : | पुं० १. दे० ‘फरसा’। २. दे० ‘फरश’। | 
			
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				| फरसंग					 : | पुं० [फा० फर्संग] ४००० गज या सवा दो मील की दूरी का एक नाप। | 
			
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				| फरसा					 : | पुं० [सं० परशु] १. पैनी और चौड़ी धार की एक प्रकार की कुल्हाड़ी, जो प्राचीन काल में युद्ध के काम आती थी। २. फावड़ा। | 
			
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				| फरसी					 : | वि०, स्त्री०=फरशी। | 
			
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