शब्द का अर्थ
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भावे :
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अव्य=भावै। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भावे प्रयोग :
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पुं० [सं० व्यस्त पद] व्याकरण में क्रिया का ऐसे रूप में होनावाला प्रयोग जिसमें कर्ता या कर्म के पुरुष लिंग और वचन के अनुसार उसके रूप नहीं बदलते, और क्रिया सदा अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एक वचन में रहती है। (इम्पर्सनल यूज) जैसे—उन्हें यहाँ बुलाया जायगा (विशेष दे० ‘प्रयोग के अन्तर्गत’)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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