शब्द का अर्थ
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मनोरम :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की कपास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मनोरम :
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वि० [सं० मनस्√रम् (रमण करना)+णिच्+अण्, उप० स०] [स्त्री० मनोरमा] जिसमें मन रमने लगे। सुंदर। पुं० सखी छंद का एक भेद जिसके प्रत्येक चरण में, ५, ४ और ५ के अंतर पर विराम कुल चौदह मात्राएँ हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मनोरमा :
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स्त्री० [सं० मनोरम+टाप्] १. सात सरस्वतियों में से चौथी सरस्वती। २. गौतम बुद्ध की एक शक्ति। ३. दस दस वर्णों के चरणों वाला एक छंद जिसके प्रत्येक चरण का पहला, दूसरा, तीसरा, सातवाँ और नवाँ वर्ण लघु होता है। तथा अन्य वर्ण गुरु होते हैं। (छंदोमंजरी) ४. महाकवि चन्द्रशेखर के अनुसार आर्या के ५७ भेदों से एक जिसमें १२ गुरु और २२ लघु वर्ण होते हैं। ५. दस अक्षरों का एक वर्णिक वृत्त जिसके प्रत्येक चरम में नगण, रगण और अंत में गुरु होता है। ६. केशव के मतानुसार चौदह अक्षरों का एक वर्णिक वृत्त जिसके प्रत्येक पाद में ४ सगण और अंत में दो लघु होते हैं। ७. केशव के अनुसार बोधक छंद का एक नाम जिसके प्रत्येक चरण में ४ भगण और दो गुरु होते हैं। ८. सूदन के अनुसार दस अक्षरों का एक वर्णिक वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में तीन तगण और एक गुरु होता है। ९. गोरोचन। |
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