शब्द का अर्थ
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माहीं :
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अव्य०=माँहि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
माही :
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स्त्री [सं० माहेय] एक नदी जो खंभात की खाड़ी में गिरती है। स्त्री० [फा०] मछली। पद—माही-गौर, माही-पुश्त, माही-मरातिब। |
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माही-गीर :
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पुं० [फा०] मछली पकड़नेवाला। मछुवा। |
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माही-पुश्त :
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वि० [फा०] जो मछली की पीठ की तरह उभरा हुआ और किनारे-किनारे ढालुआँ हो। पुं० एक प्रकार का कारचोबी का काम जो बीच में उभरा हुआ और दोनों ओर से ढालुआँ होता है। |
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माही-मरातिब :
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पं० [फा०] मुगल बादशाहों के आगे हाथी पर चलने-वाले सात झंड़े जिन पर अलग-अलग मछली, सातों ग्रहों आदि की आकृतियाँ कारचोबी की बनी होती थीं। |
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