मुद्रा-स्फीति/mudra-spheeti

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मुद्रा-स्फीति  : स्त्री० [सं० ष० त०] आधुनिक अर्थशास्त्र में वह स्थिति जिसमें कागजी मुद्रा या नोट देश की व्यापारिक आवश्यकताओं से कहीं अधिक प्रचलित कर लिए जाते हैं, और इसी लिए जिसके फलस्वरूप देश में सब चीजें बहुत महँगी बिकने लगती हैं। (इनफ्लेशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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