शब्द का अर्थ
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मृद् :
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स्त्री० [सं०√मृद्ध (चूर्ण होना)+क्विप्] मृ्तिका। मिट्टी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मृद्धी :
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स्त्री० [सं० मृदु+ङीष्] १. कोमल अंगोंवाली स्त्री। कोमलांगी। २. सफेद अंगूर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मृद्धीका :
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स्त्री० [सं० मृदु+ईकन्+टाप्] १. कपिल द्राक्षा। सफेद अंगूर। २. अँगूरी शराब। द्राक्षासव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मृद्य :
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वि० [सं० मृदु+यत्] (पदार्थ) जो गीला होने पर मनमाने ढंग से और मनमाने रूप से लाया जा सके। जिसे अपने इच्छानुसार सभी प्रकार के स्थायी रूप दिये जा सकें। (प्लास्टिक) जैसे—गीली मिट्टी जिसे सैकड़ों प्रकार के रूप दिये जा सकते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मृद्वीकासव :
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पुं० [सं० मृद्वीका-आसव, ष० त०] अंगूर की शराब। द्राक्षासव। |
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समानार्थी शब्द-
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