रोकड़/rokad

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रोकड़  : स्त्री० [सं० रोक=नक़द] १. नकद रुपया-पैसा आदि विशेषतः वह रकम जिसमें से आय-व्यय होता हो। नकद रुपया। मुहावरा—रोकड़ मिलना=आय-व्यय का जोड़ लगाकर यह देखना कि रकम घटती या बढ़ती तो नहीं है। २. धन-संपत्ति। ३. मूल-धन। पूँजी। ४. वह बही जिसमें प्रतिदिन के आय-व्यय का हिसाब लिखा जाता है। रोकड़-बही।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
रोकड़-बही  : स्त्री० [हिं० रोकड़+बही] दे० ‘रोकड़’।
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रोकड़-बाकी  : स्त्री० [हिं०] किसी नियत समय पर आय, व्यय आदि को जोड़ने और घटाने के उपरांत हाथ में बची रहनेवाली रोकड़ या नकद धन (कैश बैलेन्स)
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रोकड़-बिक्री  : स्त्री० [हिं० रोकड़+बिक्री] नकद दाम पर की हुई बिक्री।
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रोकड़िया  : पुं० [हिं० रोकड़+इया (प्रत्यय)] वह कर्मचारी जिसके पास रोकड़ और आय-व्यय का हिसाब रहता हो। खजानची।
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