शब्द का अर्थ
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वेणु :
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पुं० [सं०√अज् (गमन)+णु, अज-वी (वे)] १. बाँस। २. बाँस की बनी हुई वंशी। मुरली। ३. दे० वेणु। वि० वेणुकीय। |
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समानार्थी शब्द-
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वेणु-बीज :
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पुं० [सं०] बाँस के फूल में होनेवाला दाने जो ज्वार आदि के साथ पीसकर खाये जाते हैं। बाँस का चावल। |
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वेणु-मुद्रा :
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स्त्री० [सं०] तान्त्रिकों की एक प्रकार की मुद्रा। |
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वेणु-वन :
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पुं० [सं० ष० त०] ऐसा वन जिसमें बाँसों के बहुत अधिक झुरमुट हों। |
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वेणुक :
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पुं० [सं० वेणु+कन्] १. वह लकड़ी या छड़ी जिससे गौ, बैल आदि हाँकते हैं। २. अंकुश। ३. बाँसुरी। ४. इलायची। |
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वेणुका :
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स्त्री० [सं० वेणु+कन्+टाप्] १. बाँसुरी। २. हाथी को चलाने का प्राचीन काल का एक प्रकार का दंड जिसमें बाँस का दस्ता लगा होता था। २. जहरीले फलवाला एक प्रकार का वृक्ष। |
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वेणुकार :
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पुं० [सं० वेणु√कृ (करना)+अण्, उप० स०] वह व्यक्ति जिसका पेशा बाँसुरी बनाना हो। |
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वेणुकीय :
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वि० [सं० वेणुक+छ, छ-ईय] वेणु-संबंधी। वेणु का। |
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वेणुज :
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वि० [सं० वेणु√जन्+ड] जो वेणु अर्थात् बाँस से उत्पन्न हो। पुं० १. बाँस के फूल में होनेवाला दाने जो चावल कहलाते है और जो पीसकर ज्वार आदि के आटे के साथ खाये जाते हैं। बाँस का चावल। २. गोल मिर्च। |
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वेणुज-मुक्ता :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] बाँस में होनेवाला एक प्रकार का गोलदाना जो प्रायः मोती कहलाता है। |
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वेणुप :
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पुं० [सं०] १. एक प्राचीन जनपद (महाभारत) २. उक्त जनपद का निवासी। |
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वेणुपुर :
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पुं० [सं०] आधुनिक बेलगाँव का पुराना नाम। |
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वेणुमती :
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स्त्री० [सं० वेणु+मतुप्+ङीष्] पश्चिमोत्तर प्रदेश की एक नदी। (पुराण) |
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वेणुमान :
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पुं० [सं० वेणुमम्] १. एक पौराणिक पर्व। २. एक पौराणिक कुल या वंश। |
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