शब्द का अर्थ
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					वेश्या					 :
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					स्त्री० [सं०] १. ऐसी स्त्री जो धन लेकर लोगों के साथ संभोग कराने का व्यवसाय करती हो। गणिका। २. आज-कल ऐसी स्त्री जो उक्त प्रकार का व्यवसाय करने के सिवाय लोगों को रिझाने के लिए नाचगाने का भी काम करती हो तवायफ।				 | 
			
			
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					वेश्या-पत्तन					 :
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					पुं० [सं०] वह बाजार जहाँ वेश्याएँ रहती हों। चकला।				 | 
			
			
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					वेश्या-वृत्ति					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] १. वेश्या बनकर अर्थात् धन लेकर पर-पुरुषों से संभोग कराना। कसब कमाना। २. गुण, शक्ति का वह परम घृणित और निदनीय उपयोग जो केवल स्वार्थ साधन के लिए बहुत बुरी तरह से किया या कराया जाय। (प्रॉस्टीट्यूशन)				 | 
			
			
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					वेश्यांगना					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] ऐसी स्त्री जो वेश्यावृत्ति करती हो।				 | 
			
			
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					वेश्याचार्य					 :
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					पुं० [सं०] रंडियो का दलाल। भडुआ।				 | 
			
			
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					वेश्यालय					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] वेश्या या वेश्याओं के रहने की जगह।				 | 
			
			
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