शब्द का अर्थ
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					संकल					 :
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					पुं० [सं० सम्√ कल् (गणना करना)+अच्] १. दो या अधिक चीजों को एक में मिलाना। २. इकट्ठा करना। संकलन। ३. गणित में जोड़ या योग नाम की क्रिया। ४. पश्चिमी पंजाब की एक प्राचीन पहाड़ी और उसके आस-पास का स्थान (आजकल का सांगला)। स्त्री० [सं० श्रृंखला] साँकल। सिकड़ी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					संकलन					 :
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					पुं० [सं० सम्√ कल्+ल्युट-अन] [भू० कृ० संकलित] १. एकत्र करने की क्रिया। संग्रह करना। जमा करना। २. काम की और अच्छी चीजें चुनकर एक जगह एकत्र करना। ३. कोई ऐसी साहित्यिक कृति जिसमें अनेक ग्रन्थों या स्थानों से बहुत सी बातें इकट्ठी करके रखी गई हों। (कम्पाइलेशन)। ४. ढेर। राशि। ५. गणित में योग नाम की क्रिया। जोड़।				 | 
			
			
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					संकलप					 :
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					पुं०=संकल्प।				 | 
			
			
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					संकलपना					 :
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					स० [सं० संकल्प+हिं० ना (प्रत्यय)] १. किसी बात या संकल्प या दृढ़ निश्चय करना। २. धार्मिक रीति से संकल्प या मंत्रपाठ करते हुए कोई चीज दान करना। इस प्रकार छोड़ देना मानों संकल्प करके दान कर दिया हो। उदाहरण—सुख संकलपि दुख सांबर लीन्हेंऊँ—जायसी। ४. मन में किसी बात की कल्पना या विचार करना। सोचना।				 | 
			
			
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					संकला					 :
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					पुं० [सं० शाक] शाक द्वीप।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सँकलाना					 :
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					स० [हिं० संकल्पना] १. धार्मिक वृत्ति से संकल्प या मंत्रपाठ करते हुए दान करना। उदाहरण—जब मेरे बाबा सँकलाए हे होइबों तोहारि।—लोकगीत।				 | 
			
			
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					संकलित					 :
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					भू० कृ० [सं० सम्√ कल्+क्त] १. जिसका संकलन हुआ हो। २. जो संकलन की क्रिया से बना हो। ३. चुन या छांटकर इकट्ठा किया हुआ। ४. (राशियों या संख्याएँ) जिसका जोड़ लगाया गया हो। ५. इकट्ठा या एकत्र किया हुआ। ६. जो थोडा-थोड़ा करके बढ़ा या इकट्ठा होकर एक हो गया हो (एग्रिगेट)।				 | 
			
			
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					संकलेंदु					 :
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					पुं० [सं०] पूर्णिमा का चाँद। पूरा चाँद।				 | 
			
			
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					संकल्प					 :
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					पुं० [सं० सम√ कृप्+घञ्, र-ल] १. कोई कार्य करने की इच्छा जो मन में उत्पन्न हो। विचार। इरादा। २. कोई कार्य करने का मन में होनेवाला दृढ़ निश्चय। ३. सभा-समिति में किसी विषय में विचारपूर्वक किया हुआ पक्का निश्चय (रिजोल्यूशन) ४. धार्मिक क्षेत्र में, दान, पुण्य या और कोई देवकार्य आरंभ करने से पहले एक निश्चित मंत्र का उच्चारण करते हुए अपना दृढ़ निश्चय या विचार प्रकट करना। ५. वह मंत्र जिसका उच्चारण करते हुए उक्त प्रकार का निश्चय या विचार कार्य-रूप में परिणत किया जाता है। मुहावरा—(कोई चीज) संकल्प करना=दान करना या दान करने का दृढ़ निश्चय करना।				 | 
			
			
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					संकल्प					 :
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					वि० [सं० सम√कल्+ण्यत्, वृद्धयभाव] जिसका संकलन होने को हो या हो सकता हो। २. जो थोड़ा या युक्त किया जाने को हो। योग्य।				 | 
			
			
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					संकल्पक					 :
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					वि० [सं० संकल्प+कन्] संकल्प करनेवाला।				 | 
			
			
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					संकल्पना					 :
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					स्त्री० [सं०] १. संकल्प करने की क्रिया या भाव। २. शब्द, प्रतीक आदि का लगाया हुआ सामान्य से भिन्न विचारपूर्ण तथा बौद्धिक अर्थ (कन्सेपशन) ३. धारणा। ४. इच्छा। स०=संकल्पना।				 | 
			
			
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					संकल्पा					 :
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					स्त्री० [सं० संकल्प+टाप्] दक्ष की एक कन्या जो धर्म की भार्या थी।				 | 
			
			
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					संकल्पित					 :
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					भू० कृ० [सं० संकल्प+इतच्] १. संकल्प किया हुआ। २. निश्चयपूर्वक स्थिर किया हुआ। ३. जिसकी संकल्पना की गई हो।				 | 
			
			
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