शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					संस्त्राव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सम्√स्त्रु (बहना)+घञ] १. प्रवाह। बहाव। २. शरीर के घाव, फोड़े आदि में मवाद का इकट्ठा होना। ३.गाद। तलछट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संस्त्रावण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सम्√स्त्रु (बहना)+णिच्-ल्युट्-अन] [भू० कृ० संस्त्रावित] १. प्रवाहित करना। बहाना। २. प्रवाहित होना। बहाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संस्त्रावित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं० सम्√सु (बहना)+णिच्-क्त] १. बहाया हुआ। बहा हुआ। ३.चू, टपक या रिसकर निकला हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संस्त्राव्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सम्√स्त्रु (बहाना)+णिच् यत] १. बहाने या टपकाने योग्य। २. बहाये या टपकाए जाने योग्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |