शब्द का अर्थ
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					सन्नादी					 :
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					पुं० [सं० सम्√नादिन] व्याकरण में ऐसा अक्षर या वर्ण जिसका उच्चारण किसी स्वर की सहायता से हा होता हो, बिना स्वर लगाए जिसका उच्चारण हो ही न सकता हो। (कान्सोनेन्ट) जैसे—क, ख, ग, आदि। विशेष—बिना स्वर की सहायता के जहाँ किसी वर्ण का उच्चारण होता है, वहाँ वह हल कहलाता है। वि० १. नाद या स्वर से युक्त। २. नाद करने वाला।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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